डुमरा मोहन पंचायत में 10 दिनों से जलापूर्ति ठप, हजारों लोग परेशान, सड़क जाम की चेतावनी
शिवाजीनगर, समस्तीपुर: शिवाजीनगर प्रखंड के डुमरा मोहन पंचायत में पिछले 10 दिनों से पेयजल का गंभीर संकट बना हुआ है, जिससे हजारों की आबादी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) द्वारा संचालित पानी टंकी की मोटर खराब हो जाने के कारण प्रखंड मुख्यालय सहित सात वार्डों में जलापूर्ति पूरी तरह से बाधित है। इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है और उन्होंने जल्द आपूर्ति बहाल नहीं होने पर सड़क जाम कर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, डुमरा मोहन पंचायत में स्थित पीएचईडी की पानी टंकी का मोटर 14 सितंबर को खराब हो गया था। इस टंकी से वार्ड संख्या 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के साथ-साथ पड़ोसी रजौर रामभद्रपुर पंचायत के गौरा गांव में भी पानी की आपूर्ति की जाती है। मोटर खराब होने के बाद से इन सभी इलाकों में पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद है, जिससे स्थानीय निवासियों को दैनिक जरूरतों के लिए भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को पीने के पानी के लिए या तो चापाकलों पर निर्भर रहना पड़ रहा है या फिर दूर-दराज के स्रोतों से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है।
अधिकारियों की उदासीनता से ग्रामीण परेशान
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि मोटर खराब होने की सूचना तुरंत विभागीय अधिकारियों को दी गई थी। बहादुर मंडल, बैद्यनाथ मंडल, अवधेश कुमार सिंह, गजेन्द्र मंडल, महेश पौदार, और अनिल कुमार सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने स्थानीय कार्यालय से लेकर पटना मुख्यालय तक इस समस्या की जानकारी पहुंचाई। इसके अलावा, पीएचईडी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह पहली बार नहीं है जब मोटर खराब हुई है। बार-बार मोटर खराब होती है, लेकिन विभाग इसे समय पर ठीक कराने या बदलने में लापरवाही बरतता है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है।
स्थायी समाधान की मांग और आंदोलन की चेतावनी
पानी की किल्लत से जूझ रहे लोगों का धैर्य अब जवाब दे रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर विभाग ने तत्काल कोई कदम नहीं उठाया और जलापूर्ति बहाल नहीं की, तो वे सड़क जाम कर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। लोगों की मांग है कि विभाग इस समस्या का स्थायी समाधान निकाले। उनका सुझाव है कि एक मोटर को हमेशा स्टैंडबाय में रखा जाना चाहिए, ताकि एक मोटर खराब होने पर तुरंत दूसरी मोटर लगाकर आपूर्ति को सुचारू रखा जा सके और लोगों को इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
क्या कहते हैं अधिकारी?
इस संबंध में जब पीएचईडी के कनीय अभियंता (जेई) हिमांशु कुमार से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि पानी टंकी के मोटर की मरम्मत कर ली गई है, लेकिन मोटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ‘बेरिंग’ नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण उसे स्थापित नहीं किया जा सका है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बेरिंग पटना से मंगवाया जा रहा है और अगले एक-दो दिनों के भीतर मोटर लगाकर जलापूर्ति बहाल कर दी जाएगी।
अब देखना यह होगा कि विभागीय आश्वासन कब तक पूरा होता है और डुमरा मोहन पंचायत के हजारों लोगों को इस पेयजल संकट से कब तक निजात मिलती है।
