अमेरिका ने भेजा अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस, अमृतसर पहुंचा सैन्य विमान
अमृतसर, 5 फरवरी 2025:* डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन की कड़ी आव्रजन नीति के तहत अमेरिका ने पहली बार भारतीय अवैध प्रवासियों को सैन्य विमान से वापस भेजा। सी-17 ग्लोबमास्टर सैन्य विमान में 104 भारतीयों को लेकर अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। यह कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रम्प के आगामी वाशिंगटन सम्मेलन से ठीक पहले की गई है।
प्रमुख बिंदु:
प्रवासियों का ब्रेकडाउन:
- 33 हरियाणा, 33 गुजरात, 30 पंजाब, 3 उत्तर प्रदेश, 3 महाराष्ट्र और 2 चंडीगढ़ से।
- 79 पुरुष, 25 महिलाएं (12 नाबालिग सहित)।
- कैसे पहुंचे अमेरिका?
- कई प्रवासियों ने वर्क परमिट पर ली एंट्री, लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद अवैध रह गए।
- कुछ ने “डॉन्की रूट” (मैक्सिको सीमा) के जरिए खतरनाक रास्तों से प्रवेश किया।
- भारत-अमेरिका की साझा भूमिका:
- अमेरिकी दूतावास ने कहा, “अवैध प्रवास को रोकने के लिए सीमा कानूनों को सख्ती से लागू किया जा रहा है”।
- भारत सरकार ने रैंधीर जैसवाल के माध्यम से स्पष्ट किया: “अवैध प्रवास को अपराध से जोड़ा जाता है, इसलिए दस्तावेज़ सत्यापन के बाद ही प्रवासियों को स्वीकार किया जाएगा”।
- राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
- पंजाब के मंत्री कुलदीप सिंह ढिल्लों ने ट्रम्प की नीति को “अमानवीय” बताया और कहा, “प्रवासी अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं, उन्हें वीजा दिया जाना चाहिए”।
- अमेरिकी डेटा के अनुसार, 18,000 से अधिक भारतीयों को निर्वासन का सामना करना पड़ सकता है।
- आंकड़े और प्रभाव:
- प्यू रिसर्च के अनुसार, अमेरिका में 7.25 लाख अवैध भारतीय रहते हैं, जो मैक्सिको और अल सल्वाडोर के बाद तीसरा सबसे बड़ा समूह है।
- 2024 में अकेले दक्षिणी सीमा (मैक्सिको) पर 25,000 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया।
निष्कर्ष:*
यह घटना भारत-अमेरिका संबंधों के नाजुक पहलू को उजागर करती है। जहां एक ओर ट्रम्प प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है, वहीं भारत सरकार को प्रवासियों के मानवाधिकार और पुनर्वास की चुनौती भी संभालनी होगी। क्या यह नीति दोनों देशों के बीच और तनाव पैदा करेगी? अपनी राय कमेंट में साझा करें!
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