पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन, देश में शोक की लहर
नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अंतिम सांस ली। गुरुवार शाम उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने पर उन्हें एम्स के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं का एम्स पहुंचना जारी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बेलगावी से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं, जबकि प्रियंका गांधी वाड्रा पहले से ही एम्स में मौजूद हैं।
शिक्षा और विद्वत्ता की मिसाल
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 1932 में हुआ था। उन्होंने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। उच्च शिक्षा के लिए वे ब्रिटेन गए, जहां उन्होंने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी में ऑनर्स डिग्री प्राप्त की। 1962 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नूफिल्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट (ड/>.FIL) की उपाधि हासिल की। उनकी पुस्तक ‘भारत में निर्यात और आत्मनिर्भरता और विकास की संभावनाएं’ ने व्यापार नीति पर एक नई दृष्टि प्रदान की।
अद्वितीय योगदान
डॉ. सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में शिक्षण के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र (यूएनसीटीएडी) सचिवालय में भी कार्य किया। 1987 से 1990 तक उन्होंने जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
राजनीतिक और आर्थिक नेतृत्व
2004 से 2014 तक दो बार प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने नेतृत्व में देश को आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता प्रदान की। 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान उनके कुशल नेतृत्व की पूरे विश्व ने प्रशंसा की। डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से देश ने एक विद्वान, कुशल अर्थशास्त्री, और अद्वितीय नेता को खो दिया है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।