शिवाजीनगर बीस सूत्री बैठक में हंगामा: स्वास्थ्य, सड़क और मनरेगा में भ्रष्टाचार के मुद्दे छाए रहे
शिवाजीनगर, समस्तीपुर: शिवाजीनगर प्रखंड मुख्यालय स्थित मनरेगा भवन के सभागार में शुक्रवार को आयोजित बीस सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक हंगामेदार रही। बैठक में सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था, मनरेगा योजनाओं में धांधली, सड़कों की अधूरी स्थिति और सरकारी कर्मियों की मनमानी जैसे गंभीर मुद्दे उठाए। बैठक की अध्यक्षता बीस सूत्री अध्यक्ष संतोष कुमार बबली ने की, जबकि संचालन उपाध्यक्ष किशोरी प्रसाद सिंह ने किया।
बैठक का मुख्य एजेंडा विकास योजनाओं की समीक्षा करना था, लेकिन यह जल्द ही शिकायतों और आरोपों के मंच में तब्दील हो गया। सदस्यों ने विभिन्न विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही पर अधिकारियों से तीखे सवाल किए।
स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर उठे गंभीर सवाल
बैठक में स्वास्थ्य व्यवस्था का मुद्दा सबसे प्रमुख रहा। सदस्य राहुल चौधरी ने शिवाजीनगर पीएचसी की बदहाली का मुद्दा उठाते हुए कहा:
- डॉक्टर रोस्टर के अनुसार ड्यूटी पर नहीं रहते, फिर भी उनके नाम पर मरीजों से पंजीकरण रसीद काटी जाती है।
- जानकी नगर बाजार, बंधार और कामेश्वर नगर जैसे उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर, CHO और GNM अक्सर नदारद रहते हैं।
- एक ही डॉक्टर सप्ताह में तीन-चार दिन आकर औपचारिकता पूरी करता है, जबकि सभी की उपस्थिति अनिवार्य है।
बीस सूत्री अध्यक्ष संतोष कुमार बबली ने पीएचसी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि परिसर में खून और पेशाब जांच के नाम पर मरीजों से 300 रुपये अवैध रूप से वसूले जा रहे हैं, जिसकी उन्हें शिकायत मिली है। सदस्य अवैश करनी ने इस आरोप का समर्थन करते हुए कहा, “जब विकलांगता पेंशन 400 रुपये थी, तो 1000 रुपये घूस लेकर प्रमाण पत्र बनता था। अब पेंशन 1100 रुपये हो गई है, तो 5000 रुपये लेकर विकलांग सर्टिफिकेट बनाया जा रहा है। मरीजों का इलाज भगवान भरोसे चल रहा है।”
मनरेगा और सड़क निर्माण में धांधली के आरोप

सांसद प्रतिनिधि और सदस्य अशोक कुमार सिंह ने प्रखंड में चल रही योजनाओं में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया।
- सड़क निर्माण अधूरा: प्रखंड मुख्यालय से परवाना गांव तक की सड़क का शिलान्यास होने और काम शुरू होने के बावजूद ठेकेदार ने काम बीच में ही बंद कर दिया है। इससे ग्रामीणों को, खासकर आगामी चुनावों में बूथ तक पहुंचने में भारी कठिनाई होगी।
- मनरेगा में लूट: रजौर रामभद्रपुर पंचायत के वार्ड 4 में पंचायत सरकार भवन की प्रस्तावित भूमि पर मिट्टी भराई के लिए 18 लाख रुपये की योजना स्वीकृत हुई, लेकिन मौके पर 18 हजार का भी काम नहीं हुआ है। उन्होंने इस मामले की तत्काल जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
- मतदाता सूची में गड़बड़ी: उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि काजी डुमरा गांव के अब्दुल हसन का नाम गलत तरीके से तालिमी मरकज की बहाली के लिए रजौर रामभद्रपुर पंचायत की मतदाता सूची में जोड़ा गया है, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
बिजली, पानी और किसानी से जुड़े मुद्दे भी उठे
बैठक में अन्य सदस्यों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाया:
- बिजली की समस्या: सदस्य ललित कुमार झा ने बताया कि जाखर धर्मपुर पंचायत के वार्ड 5 में एक दलित टोले में, जहाँ 150 लोग रहते हैं, बांस के सहारे बिजली जलाई जा रही है। उन्होंने तत्काल बिजली के खंभे लगाने की मांग की।
- मंदिर की भूमि पर कब्जा: उन्होंने धर्मपुर स्थित राम जानकी ठाकुरबाड़ी की जमीन पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध रजिस्ट्री कराकर जमाबंदी कायम करने की कोशिश का मुद्दा उठाया और मंदिर की संपत्ति को बचाने की गुहार लगाई।
- पेयजल संकट: सदस्य अरुण कुमार मुखिया ने डुमरा मोहन पंचायत के शिवरामा में पीएचईडी जलमीनार का मोटर बार-बार खराब होने से उत्पन्न पेयजल संकट को देखते हुए एक अतिरिक्त मोटर लगाने की मांग की।
- किसानों की समस्या: सदस्य कैलाश पंडित ने बताया कि बल्लीपुर पंचायत में दो स्टेट बोरिंग बंद पड़े हैं, जिससे किसानों को सिंचाई में भारी परेशानी हो रही है। उन्होंने इसे जल्द चालू कराने की मांग की।
बैठक में उपस्थित बीडीओ आलोक कुमार सिंह, सीओ वीणा भारती, मनरेगा पीओ बबलू कुमार और बिजली विभाग के जेई आकाश वर्मा ने सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से सुना और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
मौके पर उपस्थित अन्य अधिकारी: पशु चिकित्सक एस.एस. प्रसाद, प्रखंड सहायक लेखापाल दिनेश कुमार ठाकुर, सरोज कुमार, डॉ. सुमित, निर्दोष सिंह आदि बैठक में शामिल थे।
