Kargil Vijay diwas 2023 : जाने भारत के उन जांबाजों सैनिक के बारे में जिन्होंने कारगिल के युद्ध में पाकिस्तानी सैनिक को धूल चटाई थी ।

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Kargil Vijay diwas प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को कारगिल के युद्ध में अपने जान गवाने वाले जांबाज देशभक्तों के याद में मनाया जाता है आज ही के दिन भारतीय जांबाज सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिक को धूल चटाई थी ।

Kargil Vijay diwas 2023 : कारगिल विजय दिवस के रूप में देश 24 वें वर्षगाठ मना रहा है आज युद्ध समारक में वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित किया जायेगा एवं उनके बलिदान को याद करके अपने अंदर फिर से देशभक्ति के प्रति जज्बा जगाने का काम किया जायेगा

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Kargil Vijay diwas 2023 जाने पाकिस्तानी सेना को धूल चटाने वाले भारतीय जांबाजो के बारे में

  1. राइफल मैन सुनील जंग : तोपखाना बाजार के रहने वाले सुनील जंग ने मात्र 16 साल की उम्र में सेना में भर्ती हो गए थे वो भी बिना घर वालो को बताए हुए उनके परिजनों के मुताबिक कारगिल युद्ध से पहले घर आए थे पर अचानक से उनको बुलावा आ गया जाते समय उन्होंने अपने को मां को बोले थे अगली बार आऊंगा तब लंबे समय तक रुकूंगा मां ख़बर के मुताबिक सुनील जंग अपने गोरखा राइफल्स के एक टुकड़ी के साथ 10 मई को कारगिल के निकले उसके बाद 3 दिनो तक पाकिस्तानी सेना के साथ लड़ते रहे 15 मई को कुछ गोली उनके सीने में लगे जिसके कारण वो वीरगति को प्राप्त हो गए
  2. लांसनायक केवलानंद द्वीवेदी : मार्च 1999 में अपने घर आया था बताया जाता है की उनके पत्नी का तबियत खराब था उन्हे देखने के लिए आए थे फिर अचानक से उनके यूनिट से एक तार आती है उसमे उन्हे वापस जम्मू कश्मीर बुलाया गया उसके बाद बताया जा रहा है 30 मई को अपने पत्नी से बात किया था और पता चला की 6 जून को वीरगति को प्राप्त हो गए उनके मरणोपरांत उन्हे वीरचक्र से सम्मानित किया गया
  3. कैप्टन मनोज पांडेय : बताया जाता है की 24 साल के मनोज पांडेय को अल्फा कंपनी की कमान सौंपी गई और उन्हें कहा गया खालूबार पोस्ट पर तिरंगा लहराने के लिए खालूबार पोस्ट पर झंडा लहराना बहुत मुस्कील था लेकिन कैप्टन मनोज पांडेय निकल परे खालूबार पोस्ट की तरफ अपने टुकड़ी के साथ उन्होंने पाकिस्तानी 3 बंकरो को नष्ट कर दिया और चौथे के तरफ जा ही रहे थे की उन्हे गोली लग जाती है उसके बाद भी हार नहीं माना उन्होंने फिर हैंड ग्रेनेड लेकर दुश्मन को तबाह कर दिया और वीरगति को प्राप्त हो गए उन्हे मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया ।

इन सब जैसे सैकड़ों जांबाज देशभक्तों ने अपनी जान गंवाई कारगिल के युद्ध में और पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटाई

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