पूर्व मंत्री गजेंद्र प्रसाद सिंह की 10वीं पुण्यतिथि पर उमड़ा जनसैलाब, डॉ. उर्मिला सिन्हा को वारिसनगर से उम्मीदवार बनाने की उठी जोरदार मांग
शिवाजीनगर, समस्तीपुर: शिवाजीनगर की धरती के कर्मवीर कहे जाने वाले बिहार सरकार के पूर्व मंत्री स्वर्गीय गजेंद्र प्रसाद सिंह की दसवीं पुण्यतिथि पर राधा कृष्ण मंडल गोविंद गोस्वामी महाविद्यालय के प्रांगण में एक भव्य श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समस्तीपुर जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए हजारों समर्थकों और स्थानीय नागरिकों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वर्गीय गजेंद्र प्रसाद सिंह की धर्मपत्नी डॉ. उर्मिला सिन्हा द्वारा उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि के साथ हुई। इसके बाद, उपस्थित गणमान्य लोगों ने एक-एक कर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। श्रद्धांजलि देने वालों में चुनम स्वामी, संतोष कुमार सिंह, सच्चिदानंद सिंह, मणिकांत सिंह, विद्यासागर, विजय कुमार सिंह, दिलीप कुमार सिंह, चंदन कुमार, भोली देवी, राम जपु यादव, डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल विनोद कुमार मंडल, प्रोफेसर कुंडेश्वर प्रसाद सिंह, राजद प्रखंड अध्यक्ष घूरन यादव, अर्जुन यादव, अवधेश कुमार, सुशील कुमार सिंह, गणेश मंडल, विकेश कुमार सिंह, और संजीव कुमार सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।
पुष्पांजलि कार्यक्रम के बाद एक सर्वधर्म सभा का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने स्वर्गीय गजेंद्र प्रसाद सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्हें ‘शिवाजीनगर की धरती का कर्मवीर’ बताते हुए वक्ताओं ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के दबे-कुचले और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों को आज भी क्षेत्र की जनता याद करती है।
डॉ. उर्मिला सिन्हा के लिए उठी उम्मीदवारी की मांग

श्रद्धांजलि सभा का माहौल उस समय राजनीतिक रूप से गरमा गया जब सभी वक्ताओं ने एक स्वर में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी मांग रखी। वक्ताओं ने राजद नेतृत्व से पुरजोर अपील की कि इस बार 132-वारिसनगर विधानसभा क्षेत्र से डॉ. उर्मिला सिन्हा को पार्टी का सिंबल दिया जाए। समर्थकों ने दावा किया, “यदि पार्टी डॉ. उर्मिला सिन्हा पर भरोसा जताती है, तो हम सभी मिलकर उन्हें 40,000 से अधिक मतों के अंतर से जिताकर विधानसभा भेजने का काम करेंगे।” उन्होंने कहा कि यह जीत माननीय तेजस्वी यादव के हाथों को मजबूत करेगी और स्वर्गीय गजेंद्र बाबू को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

कार्यक्रम के अंत में सभी ने यह संकल्प लिया कि स्वर्गीय गजेंद्र प्रसाद सिंह के विचारों को जीवित रखा जाएगा और उनकी जयंती तथा पुण्यतिथि हर साल इसी तरह धूमधाम से मनाई जाएगी, ताकि आने वाली पीढ़ी भी उनके आदर्शों से प्रेरणा ले सके।
