शिवाजीनगर (समस्तीपुर)। प्रखंड के धूम्र मोहन पंचायत स्थित परवाना गांव में एक स्थानीय समूह ने मानवता की एक अनूठी मिसाल पेश की है। ‘अपन मैट पैन ग्रुप परवाना’ नामक इस समूह ने एक दलित परिवार पर टूटे दुखों के पहाड़ के बीच उनके मासूम बेटे को आर्थिक सहायता प्रदान कर न केवल परिवार को संभाला, बल्कि समाज को एक सकारात्मक संदेश भी दिया है।
हार्ट अटैक ने छीन लिया परिवार का साया
मामला परवाना गांव का है, जहां कुछ दिनों पहले 36 वर्षीय शिव शंकर राम की अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी। वह अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनकी असामयिक मृत्यु के बाद उनकी पत्नी मंजू देवी और चार छोटे-छोटे बच्चों (दो बेटे और दो बेटियां) पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिवार का सहारा छिन जाने से उनके सामने न केवल भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया, बल्कि मृतक का अंतिम संस्कार करने तक की समस्या उत्पन्न हो गई थी।
संकट की घड़ी में गांव ने बढ़ाया मदद का हाथ
इस विकट परिस्थिति में, जब परिवार पूरी तरह से असहाय था, तब गांव के कुछ संवेदनशील लोगों ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए। ‘अपन मैट पैन ग्रुप परवाना’ के सदस्यों ने इस पीड़ा को समझा और पीड़ित परिवार की सहायता करने का निर्णय लिया।
समूह के सदस्यों ने समाज के अन्य लोगों की उपस्थिति में मृतक के बड़े पुत्र, नौनिहाल लक्ष्मण राम, जिसने अपने पिता को मुखाग्नि दी थी, को आर्थिक सहायता राशि सौंपी। यह क्षण अत्यंत भावुक था, जहाँ एक तरफ पिता को खोने का गम था, तो वहीं दूसरी तरफ समाज से मिला यह सहारा परिवार को ढांढस बंधा रहा था।
इस नेक कार्य के दौरान मौके पर सदानंद चौधरी, लक्ष्मण मंडल, अशोक चौधरी, महानंद चौधरी, कुशेश्वर राम, मुकेश राम, देवन राम समेत समूह के अन्य सदस्य और ग्रामीण मौजूद रहे। मृतक की पत्नी मंजू देवी, पुत्र लक्ष्मण राम व श्याम सुंदर राम और पुत्रियां गुंजन कुमारी व रानी कुमारी भी वहां उपस्थित थीं।
स्थानीय लोगों के इस प्रयास ने यह साबित कर दिया है कि आपसी सहयोग और मानवीय संवेदना से बड़ी से बड़ी मुश्किल का भी सामना किया जा सकता है। ‘अपन मैट पैन ग्रुप’ की यह पहल क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है और लोग उनके इस कदम की जमकर सराहना कर रहे हैं।