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विश्व मजदूरी दिवस के अवसर पर विंग चाइल्ड फाउंडेशन के तरफ से अनाथ एव नि सहाय बच्चों को बीच बांटा गया शिक्षा के सामग्री

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प्रखंड के ग्राम पंचायत राज परसा में बाल मजदूरी के प्रति विरोध एवं जागरूकता फैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है विंग्स चाईल्ड फाउंडेशन के संस्थापक मुलायम सिंह ने बताया विंग्स चाईल्ड फाउंडेशन गरीब अनाथ बच्चों को निशुल्क शिक्षा और शिक्षा सामग्री देकर उन्हें बाल मजदूरी के बदले हाथों में कॉपी और कलम देने का काम कई वर्षों से कर रही है ताकि इन बच्चों को शोषण, बाल मजदूरी से बचाया जा सके और उन्हें एक उज्जवल भविष्य दिया जा सके ताकि राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकें बच्चों के भविष्य पर हमारे देश का भविष्य निर्भर होता है बचपन जिंदगी का सबसे अनमोल उपहार है,

जहां से बच्चों में एक सभ्य समाज व उन्नत राष्ट्र के निर्माण की जागृति होती है। संगठन के अनुमान के मुताबिक विश्व में 21 करोड़ 80 लाख बालश्रमिक हैं।भारत की बात करें तो सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2 करोड़ और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार तो लगभग 5 करोड़ बच्चे बाल श्रमिक हैं। इन बालश्रमिकों में से 19 प्रतिशत के लगभग घरेलू नौकर हैं, ग्रामीण और असंगठित क्षेत्रों में तथा कृषि क्षेत्र से लगभग 80% जुड़े हुए हैं।

विश्व मजदूरी दिवस के अवसर पर विंग चाइल्ड फाउंडेशन के तरफ से अनाथ एव नि सहाय बच्चों को बीच बांटा गया शिक्षा के सामग्री

शेष अन्य क्षेत्रों में, बच्चों के अभिभावक ही बहुत थोड़े पैसों में उनको ऐसे ठेकेदारों के हाथ बेच देते हैं जो अपनी व्यवस्था के अनुसार उनको होटलों, कोठियों तथा अन्य कारखानों आदि में काम पर लगा देते हैं। उनके नियोक्ता बच्चों को थोड़ा सा खाना देकर मनमाना काम कराते हैं। 18 घंटे या उससे भी अधिक काम करना, आधे पेट भोजन और मनमाफ़िक काम न होने पर पिटाई यही उनका जीवन बन जाता है।भारत के संविधान, 1950 का अनुच्छेद 24 स्पष्ट करता है कि 14 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चे को ऐसे कार्य या कारखाने इत्यादि में न रखा जाये जो खतरनाक है हर व्यक्ति को हर राज सरकार एको इस पर करा से करा नियम बनाने चाहिए और बच्चों के लिए योजनाओं का प्रबंध करना चाहिए ताकि उन्हें बचपन में सहयोग मिल सके और वह यह बाल मजदूरी को छोड़कर कलम किताब हाथ में लेकर के देश के उज्जवल भविष्य में अपना योगदान दें, विंग्स चाईल्ड फाऊंडेशन आप सभी से आवाहन करती हैं तोआइए, बाल मजदूरी के अभिशाप से बच्चों को मुक्त कर उन्हें साक्षरता से जोड़ें तथा बाल अधिकारों के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाएं औरऐसे मासूम बच्चों को मज़दूरी और श्रम के बंधन से निकालकर शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ाने से ही हमारा भारत विकास के पथ पर आगे बढ़ सकता है।

शिवाजीनगर समस्तीपुर एस न्यूज़ सुरेश कुमार सिंह

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