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सुरक्षित शनिवार: खुले में शौच और गंदगी से होने वाले खतरों पर वार, बच्चों ने सीखे हाथ धोने के ‘6 अचूक मंत्र’

सुरक्षित शनिवार: खुले में शौच और गंदगी से होने वाले खतरों पर वार, बच्चों ने सीखे हाथ धोने के '6 अचूक मंत्र'

सुरक्षित शनिवार: खुले में शौच और गंदगी से होने वाले खतरों पर वार, बच्चों ने सीखे हाथ धोने के '6 अचूक मंत्र'

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शिवाजीनगर (समस्तीपुर): मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत प्रखंड क्षेत्र के सभी सरकारी विद्यालयों में दिसंबर माह के दूसरे शनिवार को ‘सुरक्षित शनिवार’ का आयोजन पूरे उत्साह के साथ किया गया। इस बार का विषय बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता से सीधे जुड़ा था— ‘खुले में शौच से मुक्ति, मल का सुरक्षित निपटान और हाथ धुलाई का महत्व।’

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों के भीतर स्वच्छता के प्रति चेतना जागृत करना और उन्हें गंदगी से होने वाली जानलेवा बीमारियों से बचाना था।

हाथ धोने के 6 चरणों का हुआ अभ्यास

विद्यालयों में आयोजित इस जागरूकता सत्र में फोकल शिक्षकों और बाल प्रेरकों (Child Motivators) ने बच्चों को विस्तार से बताया कि कैसे थोड़ी सी लापरवाही गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। शिक्षकों ने छात्रों को ‘सुमन-के’ (SUMAN-K) या हाथ धोने के 6 वैज्ञानिक चरणों का लाइव डेमो देकर अभ्यास कराया। बच्चों को बताया गया कि:

  1. खाना खाने से पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ धोना अनिवार्य है।
  2. गंदे हाथों से ही पेट की अधिकतर बीमारियां (जैसे डायरिया, टाइफाइड) फैलती हैं।
  3. खुले में शौच न केवल पर्यावरण को दूषित करता है, बल्कि यह संक्रमण का सबसे बड़ा कारण है।

इन विद्यालयों में दिखा उत्साह

यह जागरूकता अभियान प्रखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक प्रभावी रहा। जिन विद्यालयों में कार्यक्रम प्रमुखता से आयोजित किया गया, उनमें शामिल हैं:

इन स्कूलों में प्रधानाध्यापकों, नोडल शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

ठंड से बचाव के भी दिए गए टिप्स

कार्यक्रम के दौरान ‘क्या करें और क्या न करें’ (Do’s and Don’ts) सत्र में मौसमी बीमारियों पर भी चर्चा हुई। बढ़ती ठंड को देखते हुए शिक्षकों ने बच्चों को बताया कि यदि कोई व्यक्ति ठंड की चपेट में (Cold Stroke) आ जाए, तो उसे तुरंत प्राथमिक उपचार दें और बिना देरी किए निकटतम अस्पताल ले जाएं। गर्म कपड़े पहनने और ताजे भोजन के महत्व पर भी जोर दिया गया।

शिक्षकों की रही सराहनीय भूमिका

इस अभियान को सफल बनाने में शिक्षकों ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने न केवल किताबी ज्ञान दिया, बल्कि वास्तविक जीवन के उदाहरण देकर बच्चों को सतर्क किया। मौके पर उपस्थित प्रमुख शिक्षाविदों में शामिल थे:

निष्कर्ष

सुरक्षित शनिवार के तहत चलाया गया यह अभियान बच्चों के सुरक्षित भविष्य की नींव रखने जैसा है। जानकारों का मानना है कि यदि बचपन से ही बच्चों में आपदा प्रबंधन और स्वच्छता की समझ विकसित की जाए, तो वे न केवल अपना बल्कि पूरे समाज का बचाव करने में सक्षम होंगे।

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