शिवाजीनगर (बिहार) – शिवाजीनगर प्रखंड के डुमरा मोहन पंचायत स्थित नरसिंहा गांव के सेवानिवृत्त पंचायत राजस्व कर्मचारी एवं समाजसेवी हरे कृष्ण सिंह का अंतिम संस्कार सोमवार को वैदिक रीति-रिवाज के साथ करेह नदी के बरियाही घाट पर संपन्न हुआ। उनके बड़े पुत्र अरुण ध्वज प्रसाद सिंह ने भावुक होकर पिता को मुखाग्नि दी।
अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

सुबह 4 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जहां सैकड़ों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राजद नेता डॉ. उर्मिला सिंह, डुमरा मोहन पंचायत की मुखिया सुनैना देवी, पूर्व सरपंच द्वारका प्रसाद सिंह, विश्वनाथ मंडल, राजेश्वर प्रसाद सिंह, मोहन बाबू, नारायण जी, रंजीत कुमार सिंह सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन
हरे कृष्ण सिंह का रविवार को बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। सोमवार सुबह उनके पार्थिव शरीर को वायुयान और एंबुलेंस के जरिए पैतृक गांव लाया गया, जहां से अंतिम यात्रा निकाली गई।
भावभीनी विदाई
नरसिंहा गांव से शुरू हुई शवयात्रा में ग्रामीणों के अलावा शिक्षा विभाग के पदाधिकारी, शिक्षक और समाजसेवी बड़ी संख्या में शामिल हुए। रामधुन और अंग्रेजी बाजे के साथ निर्गुण भजन गाते हुए उन्हें अंतिम विदाई दी गई। पूर्व बीआरपी सह प्रधानाध्यापक बालमुकुंद सिंह, डॉ. संदीप कुमार, सुभाष कुमार, अनिल कुमार आदि ने शवयात्रा को कंधा दिया।
मृदुभाषी और समाजसेवी व्यक्तित्व
स्वर्गीय हरे कृष्ण सिंह अपने मृदुभाषी स्वभाव और समाजसेवा के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। उनकी स्मृति को परिजनों, ग्रामीणों और स्थानीय नेताओं ने श्रद्धापूर्वक याद किया।