शिवाजीनगर: प्रखंड के सभी सरकारी स्कूलों में इन दिनों अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की धूम है। गुरुवार को परीक्षा के दूसरे दिन भी बच्चों में गजब का उत्साह देखने को मिला। सुबह से ही बच्चे तैयार होकर अपने-अपने स्कूल पहुंच गए थे। माहौल किसी त्योहार से कम नहीं था, बस इस बार हाथों में किताबें और कलम थीं।
पहले ज्ञान की बातें, फिर गणित से माथापच्ची
परीक्षा का शेड्यूल भी काफी दिलचस्प रखा गया है। दिन की शुरुआत पहली पाली में 12 बजे तक चेतना सत्र से हुई, जिसमें बच्चों ने प्रार्थना, सामान्य ज्ञान और नैतिक शिक्षा की बातें सीखीं। इसके बाद, दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक दूसरी पाली में गणित की परीक्षा हुई, जिसमें छात्र-छात्राएं अंकों और समीकरणों की दुनिया में खोए नजर आए।
बच्चों ने बताया कि 50 अंकों का प्रश्न पत्र काफी सरल था, जिसे हल करने में उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं हुई। उत्क्रमित मध्य विद्यालय कलवारा, मध्य विद्यालय बुनियादपुर, और प्राथमिक विद्यालय बंधार समेत प्रखंड के सभी 125 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में परीक्षा का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया।
नकल पर नकेल, पारदर्शिता पर जोर

परीक्षा को पूरी तरह से कदाचार मुक्त (चीटिंग फ्री) बनाने के लिए प्रशासन ने इस बार खास इंतजाम किए हैं। हर स्कूल के शिक्षकों को वीक्षण कार्य (invigilation) के लिए दूसरे स्कूलों में भेजा गया है, ताकि कोई गड़बड़ी न हो और परीक्षा की पारदर्शिता बनी रहे।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) रामजन्म सिंह ने खुद कई स्कूलों का निरीक्षण किया और व्यवस्था पर संतोष जताया। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य बच्चों की शैक्षणिक प्रगति का सही मूल्यांकन करना है, और यह तभी संभव है जब परीक्षाएं निष्पक्ष हों।”
वहीं, पूर्व बीआरपी सह प्रधानाध्यापक बालमुकुंद सिंह ने बताया कि परीक्षाएं निर्धारित समय पर शुरू हुईं और यह सिलसिला 15 सितंबर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि इस मूल्यांकन से हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि बच्चों को और बेहतर सिखाने के लिए हमें किन क्षेत्रों में अधिक मेहनत करनी है।
मुख्य बातें:
- प्रखंड के 125 स्कूलों में दूसरे दिन भी शांतिपूर्ण माहौल में अर्द्धवार्षिक परीक्षा संपन्न।
- पहली पाली में चेतना सत्र, तो दूसरी पाली में हुई गणित की परीक्षा।
- कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए प्रशासन मुस्तैद, दूसरे स्कूलों में लगाई गई शिक्षकों की ड्यूटी।
परीक्षा के सफल संचालन में प्रदीप कुमार, प्रकाश कुमार, सरिता कुमारी, रामनाथ पंडित, विवेकानंद चौधरी, कोमल कुमारी, प्रियंका कुमारी, और मृत्युंजय सिंह समेत सैकड़ों शिक्षकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी के मिले-जुले प्रयासों से ही परीक्षा का यह महत्वपूर्ण चरण शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो रहा है।