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शिवाजीनगर: जर्जर तारों और विद्युत विभाग की लापरवाही के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश, सड़क जाम कर किया प्रदर्शन

शिवाजीनगर: जर्जर तारों और विद्युत विभाग की लापरवाही के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश, सड़क जाम कर किया प्रदर्शन

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शिवाजीनगर प्रखंड के गोसाई पोखर विद्युत शक्ति उप केंद्र के समीप बुधवार को ग्रामीणों ने विद्युत विभाग की लापरवाही के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन किया। रमौल गांव (वार्ड 10) में दो दिन से बिजली आपूर्ति ठप होने और जर्जर तारों की समस्या को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने बांस-बल्ला लेकर बहेरी-रोसड़ा मुख्य सड़क जाम कर दिया। करीब 200 घरों में अंधेरा होने के बाद ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क अवरुद्ध की।

घटनाक्रम: सोमवार रात शॉर्ट सर्किट से लगी आग

ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार रात रमौल गांव में जर्जर बिजली तारों में शॉर्ट सर्किट के कारण एक भूसा भंडार (जूट गोदाम) में आग लग गई। ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास से आग पर काबू पाया गया, लेकिन इसके बाद से पूरे गांव की बिजली आपूर्ति बंद हो गई। ग्रामीण प्रेम कुमार शाह, बबलू शाह, रोहित शाह समेत अन्य ने बताया, “आग लगने के बाद हमने बिजली विभाग को कई बार फोन किया, लेकिन कोई कर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। दो दिन बीत गए, बिजली नहीं आई और न ही तारों की मरम्मत हुई।”

“तार बदलने के लिए मांगते हैं रिश्वत!”

शिवाजीनगर: जर्जर तारों और विद्युत विभाग की लापरवाही के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश, सड़क जाम कर किया प्रदर्शन

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विद्युत विभाग के कर्मचारी हर बार शॉर्ट सर्किट होने पर मरम्मत के नाम पर पैसे मांगते हैं। “हमने कई बार जर्जर तार बदलने के लिए आवेदन दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पिछले एक साल से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों ने कान नहीं खोले,” ग्रामीणों ने कहा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द तार नहीं बदले गए, तो वे फिर से बड़ा आंदोलन करेंगे।

जेई ने दिया आश्वासन, जाम हटा

सड़क जाम की सूचना मिलते ही विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर (जेई) आकाश वर्मा ने मरम्मत टीम गांव भेजी। जेई वर्मा ने बताया, “ग्रामीणों की शिकायत गंभीरता से ली गई है। तारों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। जल्द ही नए तार लगाए जाएंगे।” उनके आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम हटा लिया।

ग्रामीणों की चेतावनी: “अब धैर्य खत्म!”

हालांकि, ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि यदि विभाग ने समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया, तो आंदोलन और तीव्र होगा। “हमारे बच्चों की पढ़ाई, रोज़मर्रा का काम सब प्रभावित हो रहा है। अब हम चुप नहीं बैठेंगे,” प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने भी आवाज़ बुलंद की।

स्थानीय प्रशासन से मांग:
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से हस्तक्षेप करके विद्युत तारों का जल्द से जल्द नवीनीकरण कराने और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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