बिहार चिकित्सा एवं जनस्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने 10 सूत्री मांगों को लेकर कार्यों का किया बहिष्कार।

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बिहार चिकित्सा एवं जनस्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने अनिश्चिकालीन कालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी दे डाली मांगे पूरी नही हुई तो कर सकते हैं अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार स्वास्थ्य कर्मी के एनएचएम
ने आंदोलन के लिए हुंकार भर दी है सोमवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शिवाजीनगर में बेनर लगाकर कार्य बहिष्कार का चेतावनी दिया है।अध्यक्षता कर रहे दीपक कुमार सिंह ने बताया दस सूत्री मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्मी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे है। हमलोगो का मुख्य मांग है समान काम के लिए समान वेतन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर कार्यरत सभी कर्मियों को बिना शर्त शासकीय दर्जा, स्मार्टफोन से एफआरएएस के माध्यम से हाजिरी बनाने के आदेश को अविलंब रद्द करना, अप्रैल माह से लंबित मानदेय के भुगतान में विलंब नहीं करना, प्रत्येक प्रसूति की अंतिम तिथि को मानदेय का भुगतान सुनिश्चित करना, स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर अस्थायी भवन, आवासीय सुविधा, शौचालय, स्वच्छ पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं, सभी संविदा कर्मियों को न्यूनतम वैधानिक मजदूरी देना शामिल है। बिहार चिकित्सा एवं जनस्वास्थ्य संघ एफआरएस के कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में लोकतांत्रिक एवं चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। लेकिन राज्य स्वास्थ्य समिति के स्तर पर समस्याओं पर विचार करने के बजाय दमनकारी रवैया अपनाया जा रहा है। जिस को लेकर स्वास्थ्य प्रबंधक अमानुल्लाह, जगन्नाथ यादव, मोहम्मद अनुल हक, स्टाफ नर्स सुमन कुमारी, सुनील कुल्हारी,सीएचओ अंजनी शर्मा, एएनएम नीलम कुमारी, शोभा कुमारी, गायत्री कुमारी, किरण कुमारी, खुशबू कुमारी, एसटीएस सचिन कुमार ने कहा कि मांगें पूरी नहीं होने पर संघ चरणबद्ध आंदोलन करेगा और अपने हक की लड़ाई लड़ेगा। जब तक कोई समाधान नहीं तब तक कोई काम नहीं। अप्रैल 2024 से भुगतान यथाशीघ्र हो।एनएचएम कर्मी का एक ही नारा एफआरएएस मुक्त हो हर कर्मी हमारा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शिवाजीनगर के सभी एनएचएम कर्मी का सोमवार से कार्य  बहिष्कार ।

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