जमीनी विवाद बना जानलेवा: जिले के विभिन्न हिस्सों में जमीनी विवादों की समस्या गंभीर रूप लेती जा रही है। जमीन अब जान की दुश्मन बनती जा रही है। हाल के दिनों में आधा दर्जन से अधिक घटनाओं ने इस समस्या को उजागर किया है। इन घटनाओं ने रिश्तों को भी बर्बाद कर दिया है। लोग प्रशासन पर विफलता का आरोप लगा रहे हैं। हाल में जमीनी विवाद के कारण कई गोलीकांड की घटनाएं सामने आईं। इनमें से दो मामलों में डबल मर्डर हुआ। अधिकांश घटनाएं उन्हीं इलाकों में हुईं, जहां जमीन की कीमतें अधिक हैं या संपत्ति के बंटवारे को लेकर परिवारों में संघर्ष जारी है। इन विवादों में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
प्रशासन की निष्क्रियता
जमीनी विवाद बना जानलेवा: डीएम की समीक्षा बैठक में यह सामने आया कि जमीनी विवादों को सुलझाने में थानाध्यक्षों की रुचि नहीं है। कई मामलों की रिपोर्ट पोर्टल पर दर्ज नहीं होती, जिससे समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। न्यायालय में भी विवाद सुलझने में लंबा समय लगता है, जिसके चलते लोग हिंसा का सहारा ले रहे हैं।
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हाल की घटनाएं
केस-1 (14 दिसंबर)
मोहिउद्दीननगर के हेमनपुर में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में गोलीबारी हुई। इसमें तीन लोगों को गोली लगी, जिनमें से दो की मौत हो गई। घटना के बाद दोनों पक्षों ने प्राथमिकी दर्ज कराई, लेकिन 21 नामजद आरोपियों में से कोई भी गिरफ्तार नहीं हुआ।
केस-2 (21 दिसंबर)
कल्याणपुर के मुक्तापुर में गुदरी बाजार के कारोबारी विजय कुमार गुप्ता और उनके ई-रिक्शा चालक की बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
केस-3 (21 दिसंबर)
ताजपुर के रामपुर महेशपुर में जमीन कब्जा को लेकर दो पक्षों में हवाई फायरिंग हुई। घटना में दोनों तरफ से एक-एक व्यक्ति घायल हुआ। पुलिस ने दोनों पक्षों से एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, लेकिन घटनास्थल से कोई सबूत बरामद नहीं हुआ।
केस-4 (22 दिसंबर)
ताजपुर की सोंगर पंचायत में पुराने जमीन विवाद को लेकर एक किशोरी पर धारदार हथियार से हमला हुआ। रिश्तेदारों ने तलवार लेकर घर में घुसकर वारदात को अंजाम दिया।
केस-5 (23 दिसंबर)
अजनौल पंचायत में बीपीएससी शिक्षिका की बदमाशों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी। घटना पुरानी जमीन विवाद से जुड़ी बताई गई। इससे पहले भी उनके घर के दो सदस्यों की हत्या हो चुकी है।
पुलिस के लिए चुनौती
जमीनी विवाद बना जानलेवा: जमीनी विवाद में हुई हत्याओं के मामलों का खुलासा करना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। बदमाश बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं। प्रशासन की निष्क्रियता और मामलों की धीमी जांच से जमीनी विवाद की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं।
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