प्रधानाध्यापकों की एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न, मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर हुई विशेष चर्चा
शिवाजीनगर, – प्रखंड के प्लस टू उच्च विद्यालय शिवाजीनगर के सभागार में गुरुवार को प्रधानाध्यापकों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रखंड के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीईओ राम जन्म सिंह ने की, जबकि संचालन मध्याह्न भोजन प्रखंड साधनसेवी पंकज रमाणी ने किया।
मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता पर जोर
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मध्याह्न भोजन योजना की निगरानी, स्वच्छता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना था। बीईओ राम जन्म सिंह ने निर्देश दिया कि बरसात के मौसम में विशेष सावधानी बरती जाए। उन्होंने कहा कि रसोई घर में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा तथा सांप, छिपकली, मेंढ़क और कीड़े-मकोड़ों के प्रवेश को रोकना होगा।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि खाद्य सामग्री जैसे चावल, दाल, मसाले और तेल की गुणवत्ता की जाँच अनिवार्य है। रसोई घर के आसपास जल जमाव और झाड़-झंखाड़ की नियमित सफाई करनी होगी। इसके अलावा, बच्चों को भोजन परोसने से पहले उनके हाथ साबुन से धुलवाना अनिवार्य किया गया है।
मध्याह्न भोजन प्रखंड साधनसेवी पंकज रमाणी ने बताया कि भोजन परोसने से पहले प्रधानाध्यापक, शिक्षक, समिति सदस्य और रसोइया उसे चखकर गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे।
ई-शिक्षाकोष और यू-डायस पोर्टल पर चर्चा
पूर्व बीआरपी एवं प्रधानाध्यापक बालमुकुंद सिंह ने ई-शिक्षाकोष और यू-डायस पोर्टल से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं। उन्होंने बताया कि सभी विद्यालयों को जर्जर भवनों की जानकारी, छात्र-छात्राओं का डेटा करेक्शन और कक्षा 1 से 12 तक की सभी जानकारियाँ पोर्टल पर अपलोड करनी होंगी।
साथ ही, कक्षा 1 और 2 के शिक्षकों का नामांकन, पीटीएम की फोटो और वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की प्रोग्रेशन विवरणी भी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
उपस्थित प्रमुख लोग
कार्यशाला में प्रखंड लेखपाल दिनेश कुमार ठाकुर, प्रधानाध्यापक देवानंद कामत, अरुण कुमार पासवान, मृत्युंजय कुमार सिंह, राजकुमार मुखिया, दिलीप ठाकुर, अशोक कुमार यादव सहित दर्जनों प्रधानाध्यापक उपस्थित रहे।
कार्यशाला का समापन
कार्यक्रम का समापन सभी प्रधानाध्यापकों को धन्यवाद ज्ञापन और आगामी कार्यों में सक्रिय योगदान की अपील के साथ किया गया। शिक्षा विभाग की यह पहल विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम मानी जा रही है।