नौकरी का झांसा देकर दो सगी बहनों को गुजरात ले जाकर बेचने की थी तैयारी, शिवाजीनगर पुलिस ने मानव तस्करों के मंसूबों पर फेरा पानी
शिवाजीनगर (समस्तीपुर): नौकरी का सपना दिखाकर घर से ले जाई गईं दो सगी नाबालिग बहनों को मानव तस्करों के चंगुल से बेचने से पहले ही शिवाजीनगर पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है। गुजरात पुलिस के सहयोग से की गई इस त्वरित कार्रवाई में पुलिस ने गिरोह के एक मुख्य सदस्य को भी गिरफ्तार किया है। लड़कियों को स्नैपचैट के जरिए फंसाकर उन्हें बेचने के लिए गुजरात ले जाया गया था।
30 हजार महीने की नौकरी का दिया था लालच
शनिवार को शिवाजीनगर थाना परिसर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में रोसड़ा एसडीपीओ संजय कुमार सिन्हा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि विगत 13 सितंबर को थाना क्षेत्र के दसौत गांव की दो सगी बहनें, जो छात्रा हैं, स्कूल के लिए निकलीं लेकिन घर वापस नहीं लौटीं। काफी खोजबीन के बाद जब उनका कुछ पता नहीं चला तो पीड़िता की मां ने 17 सितंबर को अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए समस्तीपुर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एसडीपीओ के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने तकनीकी अनुसंधान का सहारा लिया, जिससे अपहृत छात्राओं का लोकेशन गुजरात में मिला।
ऐसे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
एसडीपीओ ने बताया कि आरोपी, जिसकी पहचान भागलपुर जिले के सन्हौला थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव निवासी रामसागर महतो के 23 वर्षीय पुत्र बादल कुमार के रूप में हुई है, स्नैपचैट के माध्यम से एक छात्रा के संपर्क में आया था। उसने दोनों बहनों को ₹30,000 प्रति माह की नौकरी का झांसा दिया और उन्हें बहला-फुसलाकर पहले भागलपुर ले गया। वहां दो दिन रखने के बाद उन्हें बेचने की नीयत से गुजरात ले गया।
शिवाजीनगर पुलिस ने तत्काल गुजरात पुलिस से संपर्क साधा। संयुक्त कार्रवाई में 24 सितंबर को दोनों छात्राओं को दादर एवं नागर हवेली और दमन व दीव के सिलवासा स्थित नरौली थाना क्षेत्र से सकुशल बरामद कर लिया गया। मौके से मुख्य आरोपी बादल कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
एक फोन कॉल ने बचाई जिंदगी
अपहरण के लगभग 24 घंटे बाद जब छात्राओं को अपने साथ हुए धोखे का एहसास हुआ, तो उनमें से एक ने किसी तरह एक मोबाइल से अपनी माँ को फोन कर अपने गुजरात में होने की सूचना दी। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने मोबाइल लोकेशन को ट्रेस किया और गुजरात पुलिस की मदद से छापेमारी कर दोनों को सुरक्षित बचा लिया।
एसडीपीओ संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि यह शिवाजीनगर पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है कि महज 11 दिनों के भीतर मामले का सफलतापूर्वक खुलासा कर लिया गया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें और उन्हें किसी के बहकावे में न आने की सलाह दें।
छापेमारी टीम में थानाध्यक्ष रविंद्र कुमार, अपर थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार, सोहन कुमार और महिला सिपाही प्रियंका मदन शामिल थे। छात्राओं की सकुशल बरामदगी के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली है और पुलिस की कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल कितना खतरनाक हो सकता है और अभिभावकों को अपने बच्चों को लेकर अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।
