रविवार को पटना में बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी पर छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया। गांधी मैदान से शुरू हुआ यह आंदोलन प्रशांत किशोर की अगुवाई में चल रहा था। लेकिन जैसे ही शाम 7 बजे प्रशांत वहां से गए, छात्रों में असंतोष का तूफान उठ खड़ा हुआ। उन्होंने नारे लगाते हुए कहा, “यह हमारा आंदोलन है! इसे हम खुद संभालेंगे!”
“प्रदर्शनकारियों ने आरोपों की बौछार की। एक घायल ने कहा, ‘हम 13 दिन से गर्दनीबाग में अपने हक के लिए जूझ रहे थे। लेकिन क्या राजनीति ने हमें धोखा दिया? प्रशांत किशोर ने कहा था, ‘पहली लाठी हम सहेंगे,’ लेकिन लाठीचार्ज से पहले ही वो क्यूं भाग गए?'”
गांधी मैदान से जेपी गोलंबर तक का सफर!
दोपहर के 1:30 बजे प्रशांत किशोर आए। छात्रों के साथ मिलकर मार्च की अगुवाई की।
छात्रों ने परीक्षा के पेपर लीक का शोर मचाया और रद्दीकरण की मांग की।
प्रशांत किशोर बोले, “यह छात्रों का आंदोलन है। उनकी आवाज़, उनका फैसला। मैं हमेशा उनके साथ रहूँगा!”
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पुलिस ने शक्ति का प्रयोग किया। जेपी गोलंबर पर छात्रों की भीड़ ने यातायात को थम दिया। पुलिस ने बार-बार चेतावनी दी, लेकिन छात्रों ने अनसुना किया। फिर, वाटर कैनन और थोड़ी ताकत का सहारा लिया। पुलिस का कहना है कि छात्रों ने धक्का-मुक्की की, जिससे यह कार्रवाई करनी पड़ी।
राजनीतिक दखल से छात्रों में नाराजगी है। उन्होंने साफ कहा, “हमें किसी नेता या पार्टी की ज़रूरत नहीं!” यह उनकी हक की जंग है। इसे राजनीति का मैदान मत बनाओ!
बीपीएससी परीक्षा के खिलाफ संघर्ष जोर पकड़ रहा है। छात्रों ने फिर से परीक्षा रद्द करने और नए सिरे से परीक्षा कराने की दहाड़ लगाई। उनकी आवाज़ सुनो! जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, ये आंदोलन थमने वाला नहीं।