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शिवाजीनगर के 6 पंचायतों में एससी-एसटी परिवारों के लिए शिविर आयोजित, योजनाओं का लाभ सीधे पहुंचा

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 शिवाजीनगर प्रखंड के छह पंचायतों में बुधवार को एससी-एसटी समुदाय के योग्य परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए विशेष शिविर लगाए गए। इन शिविरों में आवेदनों को त्वरित प्रक्रिया से जोड़ते हुए कई लाभार्थियों को मौके पर ही योजनाओं का लाभ दिया गया।

शिविर का आयोजन और उद्देश्य

रहियार दक्षिण, रहियार उत्तर, दसौत, घिवाही, परसा और डुमरा मोहन पंचायतों के चुनिंदा टोलों (चमार टोला गुमहरिया, सफी टोल गुलराही, दसौत राम टोल, कामेश्वर नगर उत्तर, रविदास टोल श्रीपुर, पुरा एससी-एसटी टोला) में दो पालियों में लगाए गए इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य वंचित तबके के परिवारों को सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं से जोड़ना था। शिविर में विकास मित्रों ने लाभार्थियों को योजनाओं की जानकारी देते हुए आवेदन प्रक्रिया में सहयोग किया।

आवेदनों का त्वरित निपटारा

शिविर के दौरान सैकड़ों योग्य परिवारों ने विभिन्न योजनाओं के लिए आवेदन किए। कई मामलों में आवेदनों को मौके पर ही निष्पादित कर लाभार्थियों को तत्काल लाभ प्रदान किया गया। बीडीओ आलोक कुमार सिंह और बीपीआरओ राजू कुमार ने सभी छह पंचायतों में लगे शिविरों का निरीक्षण कर कर्मचारियों से कार्य प्रगति की जानकारी ली। बीडीओ ने निर्देश दिए कि शिविर से पूर्व जमा आवेदनों को भी शीघ्रता से निपटाया जाए और आपसी समन्वय से सभी लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे।

घर-घर पहुंचेंगे कर्मी

बीडीओ आलोक कुमार सिंह ने बताया कि शिविर के अलावा अन्य दिनों में कर्मी एससी-एसटी बहुल टोलों में घर-घर जाकर वंचित परिवारों को योजनाओं से जोड़ेंगे। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि कोई भी योग्य परिवार सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहने पाए।” शिविर में प्राप्त आवेदनों को अगले शिविर से पहले निपटाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है।

लाभार्थियों ने जताई संतुष्टि

शिविर में पहुंचे लाभार्थियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अब उन्हें दूरदराज के कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। सरकारी योजनाओं की जानकारी और आवेदन प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर पूरी होने से समय और संसाधनों की बचत हुई है।

यह आयोजन राज्य सरकार की ‘न्याय एवं समावेशी विकास’ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शिवाजीनगर प्रखंड प्रशासन का यह कदम अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।

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