S News85

खबरें जो रखे आपको सबसे आगे।

Politics

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम विदाई सिख परंपरा के अनुसार हुआ। राहुल गांधी ने भी उन्हें अपने कंधे का सहारा दिया।

Share

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम विदाई शुक्रवार को सिख परंपरा से हुई। गुरुवार रात, 92 साल की उम्र में उन्होंने अलविदा कहा। उनके जाने के बाद, श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। उनकी अंतिम यात्रा में लोगों का सैलाब था। क्या कोई ऐसा था, जो उन्हें भूल सके?

डॉ. मनमोहन सिंह का शव उनके घर, 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग पर लाया गया। जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वहां पहुंचे, माहौल गमगीन हो गया। क्या कोई शब्द है जो इस क्षण की गहराई को व्यक्त कर सके? श्रद्धांजलि देने वाले नेताओं की आंखों में आंसू थे। फिर, सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। यह एक भावुक विदाई थी, जिसे कोई नहीं भुला सकेगा।

कांग्रेस मुख्यालय में मनमोहन सिंह की याद में श्रद्धांजलि का आयोजन हुआ। राहुल गांधी ने अपने प्रिय नेता को नमन करते हुए उनके अंतिम संस्कार में कंधा भी दिया।

अशोक गहलोत ने सरकार पर सवाल उठाए

शनिवार को उन्होंने कहा, “क्या सरकार ने मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार पर विवाद खड़ा करके सही किया?” उन्हें उम्मीद थी कि सरकार खुद पहल करती। गहलोत ने राजस्थान के पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत की अंतिम यात्रा का जिक्र किया। भले ही भाजपा की सरकार थी, लेकिन वहां श्रद्धा के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ। मूर्ति भी स्थापित की गई। क्या यह सही नहीं था?

गहलोत ने कहा, “मनमोहन सिंह का व्यक्तित्व तो जैसे एक विशाल पर्वत था, जिसे शब्दों में नहीं बांधा जा सकता। उनकी छवि पूरी दुनिया में छाई थी। बराक ओबामा ने कहा, ‘जब मनमोहन बोलते थे, तो पूरी दुनिया कान लगा देती थी।'”

डॉ. मनमोहन सिंह ने हमारे देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था में अद्वितीय छाप छोड़ी। क्या आप जानते हैं कि भारत-अमेरिका परमाणु समझौता उनके जादुई प्रयासों का नतीजा था? उदारीकरण की राह में उनके कदमों ने भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *