चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) का आतंक बढ़ रहा है। अब यह भारत में भी दस्तक दे चुका है! कर्नाटक और गुजरात में तीन नन्हे बच्चे संक्रमित पाए गए हैं।
चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) का आतंक बढ़ रहा है। अब यह भारत में भी दस्तक दे चुका है! कर्नाटक और गुजरात में तीन नन्हे बच्चे संक्रमित पाए गए हैं। क्या आगे और खतरा बढ़ेगा? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अलर्ट जारी कर दिया है। क्या हम इस वायरस के खिलाफ एकजुट हो पाएंगे?
कर्नाटक में दो नन्हे बच्चे संक्रमित हुए हैं।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में एक तीन महीने की और एक आठ महीने के बच्चे में एचएमपीवी संक्रमण की पहचान की है। तीन महीने की बच्ची को ब्रोंकोन्यूमोनिया के इलाज के दौरान यह संक्रमण हुआ। लेकिन चिंता मत कीजिए! उसकी हालत अब स्थिर है, और उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।आठ महीने का बच्चा भी इसी संक्रमण का शिकार हुआ, लेकिन उसकी स्थिति भी सामान्य है। क्या यह जानकर दिल को सुकून मिला?
गुजरात में एक नन्हा जीवन, महज दो महीने का। 24 दिसंबर को सांस लेने में दिक्कत हुई, अस्पताल के दरवाजे पर दस्तक दी। 26 को जांच में एचएमपीवी का पता चला। वेंटिलेटर की गोद में था, पर अब वो मजबूत हो रहा है। क्या जादू है इस नन्हे दिल में?
“चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस ने तबाही मचाई है। संक्रमण का ज्वार तेजी से बढ़ रहा है, और जानें जा रही हैं। क्या हम सच में सुरक्षित हैं? भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कड़ी नजर रखना शुरू कर दिया है।”
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राज्यों में सतर्कता और सावधानी
कर्नाटक सरकार ने अचानक एक आपात बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्वास्थ्य विभाग को सभी जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया है। आंध्र प्रदेश ने भी इस वायरस के खिलाफ चेतावनी दी है। लेकिन, यहां एचएमपीवी का कोई मामला नहीं मिला है।
वायरस से बचने के उपाय
विशेषज्ञों का कहना है, एचएमपीवी कोविड-19 की तरह खांसने, छींकने, छूने और हाथ मिलाने से फैल सकता है। यह खासकर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को निशाना बनाता है।
सतर्क रहें, लेकिन घबराएं मत!
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है, इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों का कोई खतरा नहीं है।आईसीएमआर हर पल की निगरानी कर रहा है। वायरस की चाल अब भी देखी जा रही है।
सावधान रहें और स्वास्थ्य संबंधी सलाहों का पालन करें।