समस्तीपुर। चुनाव का शंखनाद होते ही समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो मंत्रियों के बीच लड़ाई होगी. नीतीश कुमार के खास माने जाने वाले मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी पहले ही इस क्षेत्र से लोजपा(रामविलास) की प्रत्याशी बनायी जा चुकी हैं.
अब नीतीश के एक दूसरे मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी कांग्रेस का उम्मीदवार बन मैदान में उतरने जा रहे है। अगर महेश्वर हजारी के पुत्र कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते है तो मुकाबला देखने लायक होगा।
जब कि मुख्यमंत्री एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार प्रत्याशी शाम्भवी चौधरी को अपना आशिर्वाद दे चुके है। अब देखने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री का रोल क्या होगा। नीतीश सरकार में सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गये. कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में आज प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने सन्नी हजारी को कांग्रेस की सदस्यता दिलायी. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए सन्नी हजारी ने कहा कि पार्टी उन्हें जो काम देगी वे उसे पूरा करेंगे. सन्नी हजारी ने कहा कि पार्टी अगर समस्तीपुर से उन्हें अपना उम्मीदवार बनायेगी तो वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं ।
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो टिकट तय होने के बाद ही महेश्वर हजारी ने अपने बेटे को कांग्रेस में शामिल करवाया है. वैसे महेश्वर हजारी अपने बेटे को पहले लोजपा (रामविलास) का टिकट दिलाने की कोशिशों में लगे थे. उन्होंने अपने बेटे के साथ दिल्ली जाकर चिराग पासवान से मुलाकात भी की थी. महेश्वर हजारी चिराग पासवान के निकट संबंधी भी हैं. लेकिन चिराग पासवान ने सन्नी हजारी को टिकट नहीं दिया. समस्तीपुर से मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को टिकट दिया गया है सूत्रों की मानें तो इसके बाद महेश्वर हजारी ने कांग्रेस से संपर्क साधा. कांग्रेस से टिकट तय होने के बाद ही सन्नी हजारी पार्टी में शामिल हुए हैं. वैसे भी समस्तीपुर सीट पर कांग्रेस के पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं था. लिहाजा महेश्वर हजारी के बेटे मजबूत उम्मीदवार साबित हो सकते है। ऐसे में समस्तीपुर में अब नीतीश कुमार के दो मंत्रियों के बीच लडाई होने जा रही है. मंत्री अशोक चौधरी अपनी बेटी शांभवी चौधरी के लिए मोर्चा संभाल चुके हैं. गुरूवार को उन्हें अपनी निगरानी में बेटी से समस्तीपुर में रोड शो करवाया है. समस्तीपुर में पूरी जेडीयू अशोक चौधरी की बेटी के लिए जी-जान से लगी है. हालांकि महेश्वर हजारी खुलकर अपने बेटे के लिए प्रचार और मोर्चाबंदी नहीं कर सकते. उन्होंने अपने बेटे को विपक्षी गठबंधन से टिकट दिलाने की तैयारी की है. लेकिन पर्दे के पीछे से महेश्वर हजारी ही बेटे को सांसद बनाने के लिए मोर्चा संभालेंगे. लेकिन कयास लगाई जा रही है कि संभवत महेश्वर हजारी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकते हैं