उत्तराखंड विधानसभा ने पारित किया नया भूमि कानून, पहाड़ी जिलों में गैर-स्थानीय लोगों के लिए जमीन खरीदने पर प्रतिबंध
देहरादून, 22 फरवरी 2025: उत्तराखंड विधानसभा ने राज्य के 11 पहाड़ी जिलों में गैर-स्थानीय नागरिकों को कृषि और बागवानी भूमि खरीदने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाले नए भूमि कानून को बुधवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया। उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम 1950) संशोधन विधेयक 2025 के तहत पहाड़ों में जमीन की अंधाधुंध खरीद-फरोख्त रोकने और कृषि भूमि को बचाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा, “अब राज्य के 11 पहाड़ी जिलों में गैर-स्थानीय लोगों को जमीन खरीदने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही, निर्धारित उद्देश्यों के लिए भी 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीदने पर रोक होगी। उधमसिंह नगर और हरिद्वार में प्रशासन की अनुमति के बिना जमीन खरीदना संभव नहीं होगा।”
धामी ने आगे बताया कि “जिलाधिकारी की अनुमति का प्रावधान हटा दिया गया है। नगर निगम क्षेत्र के बाहर 250 वर्ग मीटर से अधिक जमीन खरीदने के लिए दिए गए शपथ पत्र में गड़बड़ी पाए जाने पर अतिक्रमित भूमि राज्य सरकार द्वारा जब्त कर ली जाएगी।”
विपक्ष ने उठाए सवाल, मांगा चयन समिति में भेजने का प्रस्ताव

हालांकि, विपक्ष ने इस विधेयक को “अधूरा” बताते हुए इसे विधानसभा की चयन समिति के पास भेजने की मांग की। विधानसभा में विपक्ष के नेता यशपाल आर्य ने कहा, “हम इस कानून के सिद्धांत का समर्थन करते हैं, लेकिन यह उत्तराखंड की जरूरतों के अनुरूप नहीं है। इसे और मजबूत बनाने के लिए चयन समिति में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।” कांग्रेस के अन्य विधायकों ने भी इसी रुख का समर्थन किया।
नए कानून के प्रमुख बिंदु:
- 11 पहाड़ी जिलों में गैर-स्थानीय नागरिकों को जमीन खरीदने पर प्रतिबंध।
- कृषि/बागवानी भूमि की बिक्री पर नियंत्रण।
- 12.5 एकड़ से अधिक जमीन खरीदने पर रोक।
- हरिद्वार और उधमसिंह नगर में प्रशासनिक अनुमति अनिवार्य।
- 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीदने पर शपथ पत्र में गलत जानकारी पाए जाने पर जब्ती।
क्यों जरूरी है यह कानून?

सरकार का कहना है कि पहाड़ों में बाहरी लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर जमीन खरीदने से स्थानीय समाज, पर्यावरण और कृषि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस कदम से स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा और जमीन की अटकाल बिक्री रोकने में मदद मिलेगी।