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आचार्य किशोर कुणाल का निधन: समाज सेवा और धार्मिक उत्थान को समर्पित व्यक्तित्व को अंतिम विदाई

आचार्य किशोर कुणाल का निधन: समाज सेवा और धार्मिक उत्थान को समर्पित व्यक्तित्व को अंतिम विदाई

आचार्य किशोर कुणाल का निधन: समाज सेवा और धार्मिक उत्थान को समर्पित व्यक्तित्व को अंतिम विदाई

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पटना: रविवार की सुबह, महावीर मंदिर न्यास के सचिव और पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल हमें छोड़ गए। कार्डियक अरेस्ट ने उन्हें झकझोर दिया। तुरंत महावीर वात्सल्य अस्पताल ले जाया गया, पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 74 साल की उम्र में चले गए। उनके निधन से राज्य में गहरी शोक की लहर दौड़ गई है।

आचार्य किशोर कुणाल का जीवन समाज सेवा और धार्मिक उत्थान की एक चमकती मिसाल है। महावीर मंदिर को उन्होंने पहचान की नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। क्या उनके प्रयासों को भुलाया जा सकता है? शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके कारनामे अद्वितीय हैं। बाबा गरीब नाथ मंदिर न्यास समिति और महावीर मंदिर ट्रस्ट के जरिए उन्होंने धार्मिक स्थलों को नई जिंदगी दी। उनके योगदान का कोई मोल नहीं।

अयोध्या के श्रीराम मंदिर के निर्माण में उनकी भूमिका थी बेमिसाल। हाल ही में, उन्होंने मुजफ्फरपुर के साहू पोखड़ तालाब और साहू मंदिर की नयी जिंदगी देने का ठान लिया।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। सम्राट ने कहा, “आचार्य किशोर कुणाल जी का जाना, समाज के लिए एक गहरा धक्का है। उनका जीवन तो जैसे दूसरों के लिए जलता दीपक था। उन्होंने हमेशा कमजोर वर्गों का हाथ थामकर उन्हें ऊंचाइयों तक पहुंचाने की कोशिश की। क्या उनके बिना समाज की तस्वीर वही रहेगी?”

स्वास्थ्य मंत्री बोले, “उनका जाना राज्य और देश के लिए गहरा सदमा है। हमने एक अद्वितीय प्रतिभा को खो दिया है। क्या यह सच में संभव है?”

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आचार्य किशोर कुणाल की अंतिम यात्रा सोमवार को हाजीपुर के कोनहारा घाट की ओर बढ़ेगी। महावीर स्थान और महावीर कैंसर संस्थान से होते हुए, श्रद्धा का सैलाब उमड़ेगा। क्या उनकी यादें हमें हमेशा प्रेरित करेंगी?

बिहार के मंत्री, पुलिस अधिकारी, और प्रशासनिक लोग उनके अंतिम सफर में जुटे। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, जैसे हर आंख में आंसू थे। क्या कोई ऐसा होता है, जो याद न करे?

आचार्य किशोर कुणाल की कमी हमेशा खलेगी। उनका योगदान समाज में एक चमकती मशाल की तरह रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को सुकून दें।

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