रोसड़ा को जिला बनाने की मांग: सिंघिया से हुआ जन-अभियान का शंखनाद; सुशील चौधरी बोले- हक मिलने तक जारी रहेगा संघर्ष
रोसड़ा/सिंघिया (समस्तीपुर): समस्तीपुर जिले के ऐतिहासिक अनुमंडल रोसड़ा को अलग जिला बनाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। वर्षों पुरानी इस मांग को लेकर अब आर-पार की लड़ाई का मन बनाते हुए एक व्यापक ‘जन अभियान’ की शुरुआत की गई है। इस आंदोलन का बिगुल सिंघिया प्रखंड से फूंका गया।
इस अभियान का नेतृत्व एनटीपीसी (NTPC) के निदेशक सह भाजपा के पूर्व प्रदेश महामंत्री सुशील चौधरी कर रहे हैं। अभियान के पहले दिन जनसंपर्क के दौरान स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
सिंघिया से उठी हुंकार: सभी मापदंड पूरे करता है रोसड़ा
अभियान की शुरुआत करते हुए सुशील चौधरी और अन्य वक्ताओं ने कहा कि रोसड़ा अनुमंडल जिला बनने के सभी भौगोलिक और प्रशासनिक मापदंडों को पूरा करता है। इसके बावजूद इसे अब तक जिला का दर्जा न मिलना क्षेत्र की उपेक्षा को दर्शाता है। नेताओं ने कहा:
“रोसड़ा का अपना एक समृद्ध इतिहास है। यह व्यापार और शिक्षा का पुराना केंद्र रहा है। प्रशासन तक आम आदमी की पहुंच आसान बनाने और क्षेत्र के समुचित विकास के लिए रोसड़ा को जिला बनाना नितांत आवश्यक है।”
लंबे समय से चल रहा है संघर्ष
गौरतलब है कि रोसड़ा को जिला बनाने की मांग दशकों पुरानी है। इससे पहले भी स्थानीय युवाओं और विभिन्न संगठनों द्वारा कई बार चरणबद्ध आंदोलन किए जा चुके हैं। धरना-प्रदर्शन से लेकर सड़क जाम तक के माध्यम से शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया है, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं। अब इस मांग को लेकर समाज के हर वर्ग को एकजुट करने का प्रयास शुरू किया गया है।
ये प्रमुख लोग रहे मौजूद
जन-अभियान की शुरुआत के मौके पर रोसड़ा अनुमंडल के विभिन्न कोनों से आए सामाजिक कार्यकर्ता और नेता एकजुट दिखे। इस दौरान प्रमुख रूप से उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे:
- कुंदन सिंह
- निरंजन सिंह
- सुजीत कुमार
- अनिल कुमार सिंह (जिला मंत्री)
- कौशल सिंह
- बिरजू साहू (प्रखंड प्रमुख, सिंघिया)
- जवाहर सिंह (पूर्व जिला परिषद सदस्य)
- संतोष कुमार बबली
- शिवाजी नगर बीस सूत्री अध्यक्ष
शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा आंदोलन
जनसंपर्क अभियान में शामिल नेताओं ने एक स्वर में संकल्प लिया कि जब तक रोसड़ा को जिला का दर्जा नहीं मिल जाता, तब तक यह आंदोलन अनवरत जारी रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन पूरी तरह लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से चलाया जाएगा, लेकिन मांग पूरी होने तक कोई पीछे नहीं हटेगा।
