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अखिल राष्ट्रीय संतमत सत्संग महाधिवेशन समापन के अवसर पर आचार्य योगानंद परमहंस महाराज ने कहा अच्छे संस्कार एवं विचारों से ही दान कर पाते हैं

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शिवाजी नगर इंटर डिग्री कॉलेज के मैदान में अखिल राष्ट्रीय संतमत सत्संग महा अधिवेशन के विशेष वार्षिक महाधिवेशन के समापन के अवसर पर भजन एवं

अखिल राष्ट्रीय संतमत सत्संग महाधिवेशन समापन के अवसर पर आचार्य योगानंद परमहंस महाराज ने कहा अच्छे संस्कार एवं विचारों से ही दान कर पाते हैं

आरती गीत गाया गया उससे पहले इस पुनीत अवसर पर विश्व वंदनीय संत सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के तपो लिस्ट से से अखिल राष्ट्रीय संतमत सत्संग महासभा के आचार्य महर्षि योगानंद परमहंस जी ने अपने मधुर वचनों से लोगों को अनुयायियों को दान के ऊपर एक किस्सा कह कर सुनाते हैं उन्होंने कहा कि आप कितना भी पैसे वाले क्यों ना हो यदि आपके अंदर अच्छे संस्कार है विचार नहीं है

अखिल राष्ट्रीय संतमत सत्संग महाधिवेशन समापन के अवसर पर आचार्य योगानंद परमहंस महाराज ने कहा अच्छे संस्कार एवं विचारों से ही दान कर पाते हैं

तो वह पैसा आपका दान में नहीं लग सकता है धर्म के कार्य में नहीं लग सकता है वहा धर्मों में चला जाता है इसलिए यह सत्संग आने से अच्छे संस्कार एवं विचारों की उत्पत्ति होती है डॉक्टर गोविंद जी को ही लीजिए जिस आयु वर्ग से आते हैं उस आयु वर्ग में इतना बड़ा अधिवेशन तो दूर की बात है धर्म की बात करना भी बहुत सारे लोग उचित नहीं मानते या उन्हें अच्छा नहीं लगते इस समापन के अवसर पर शिवाजी नगर की धरती को सभी संतो ने सराहा एवं शिवाजी नगर के लोगों ने अपने आपको धन्य धन्य महसूस किए कि आप संतो के सानिध्य में मुझे कुछ पल बिताने का अवसर मिला सभी ने आपके श्री चरणो में चरण वंदना की एवं आपकी कृपा बनी रहे इस दुआओं के साथ विदा ली इस अवसर पर मंचासीन मुखलाल मंडल शिव शिव नाथ मंडल संतोष कुमार सिंह राजाराम मंडल आदि ने संतो के चरणों में दो शब्द रखें उसके उपरांत सभी संतो को भोजन प्रांत अंग वस्त्र एवं भोजन दक्षिणा के साथ सकुशल विदाई किया गया चारों तरफ बारिश होती रही लेकिन शिवाजीनगर के धरती पर ईश्वर की असीम कृपा बनी रही ,जब तक सत्संग होते रहे इतना बड़ा आयोजन संतों का मानव एक तरह से कुंभ लगा हुआ था शांतिपूर्ण एवं भक्तिमय माहौल में संतों का कुंभ लगाने पर सभी संतो ने डॉक्टर गोविंद को भूरी भूरी प्रशंसा की और आशीर्वाद दिए कि आगे भी आप इस तरह से सत्संग एवं धार्मिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे यह भावना आपके माता-पिता के संस्कार के बदौलत हुआ है धन्य है ऐसे माता-पिता जो आप जैसे पुत्रों को जन्म दिया, वैसे भी सत्संग में भाग्यशाली लोग ही पहुंच पाते हैं या हिस्सा ले पाते हैं

अखिल राष्ट्रीय संतमत सत्संग महाधिवेशन समापन के अवसर पर आचार्य योगानंद परमहंस महाराज ने कहा अच्छे संस्कार एवं विचारों से ही दान कर पाते हैं

शिवाजीनगर समस्तीपुर एस न्यूज़ सुरेश कुमार सिंह

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