नवमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म हुआ था इसीलिए श्री रामनवमी कहा जाता है भारतवर्ष के अयोध्या नगरी में चैत मास की शुक्ल पक्ष नवमी के दिन अयोध्या के राजा दशरथ के घर जन्म लिए थे इसी दिन से रामनवमी मनाया जाता है भगवान विष्णु स्वर्ण त्रेता युग में राम के रूप में अवतार लिए थे वे शुरू से ही अनुशासित आदेश पालक मर्यादित थे उन्होंने माता केकई के कहने पर विपरीत परिस्थिति में भी मुस्कुराते हुए राजमहल से वानप्रस्थ की जिंदगी जिए जहां पर उन्होंने अनेक प्रकार के संघर्षों का सामना करते हुए आदर्श एवं मर्यादा को नहीं त्यागा ,निश्चचर रावण दुराचारी को नाश करके लंका पर विजय प्राप्त किए वैसे तो उनके जन्मदिन पर पूरे भारतवर्ष में कलश स्थापित कर रामनवमी मनाया जाता है लेकिन खासकर अयोध्या नगरी में जहां इनका जन्मस्थली भी है वहां साफ-सफाई घर की सजावट एवं मेले का आयोजन होता रहा है देश-विदेश के श्रद्धालु आकर भगवान राम के जन्म स्थली में अपने आप को धन्य हो जाता है भगवान राम ने मानव के जीवन पर अनेक छाप छोरे हैं जैसे आदर्श मर्यादित धैर्यता सहनशीलता का जीवन प्रस्तुत किए मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते हैं भगवान राम के साथ मां जानकी एवं लक्ष्मण जी भी वन को गए थे उन्होंने भी 14 वर्षों तक वनवासी जीवन जी है इसलिए रामनवमी के दिन मां जानकी प्रभु श्री राम एवं लक्ष्मण जी का भी पूजन होता है
शिवाजीनगर समस्तीपुर एस न्यूज़ सुरेश कुमार सिंह