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बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने किया बिहार अध्यापक नियमावली 2023 का वहिष्कार

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बिहार शिक्षक: राज्य सरकार द्वारा विगत कई महीनों से प्रदेश में कार्यरत नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने और राज्य के सभी नियोजन इकाईयों को समाप्त कर उन्हें “जिला संवर्ग” में समायोजित करने का आश्वासन दिया जा रहा था।

बिहार शिक्षक : किन्तु दिनांक :- 10.04.2023 को राज्य सरकार द्वारा “बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त), नियमावली 2023” की अधिसूचना जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया गया है कि नियोजन इकाईयां पूर्ववत प्रभावी रहेंगी और “विद्यालय अध्यापक” का नया संवर्ग बना दिया गया है जिससे राज्य में कार्यरत सभी कोटि के नियोजित शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों, शारीरिक शिक्षकों एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों में व्यापक क्षोभ एवं असंतोष व्याप्त हो गया है।

बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने किया बिहार अध्यापक नियमावली 2023 का वहिष्कार
बिहार शिक्षक: इस नियमावली के विरोध में बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बी.आर.सी शिवाजीनगर में एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया। इसमें प्रखंडाधिन पाँच शिक्षक संघ के नेतृत्वकर्ता एवं सदस्यगण भाग लिये। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री विजयकांत झा ने बताया कि हमें सरकार नये बच्चों के साथ परीक्षा देने के लिए बाध्य कर रही है जो कि किसी भी तरह तर्कसंगत नहीं है। सरकार ने खुद ही हमसे पहलें ही दक्षता और टी.ई.टी जैसी परीक्षा ले चुकी है। हमें एक जुट होकर सरकार को ये बातें याद दिलानी होगी। TSUNSS से गजेंद्र कुमार ने बताया कि बिहार की जनता हमारे साथ है। हमने उनके बच्चों को शिक्षित करने का काम किया है। सरकार हमें अयोग्य बता कर समाज की नजरों से गिराना चाहती है जो हम होने नहीं देगें।
बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने किया बिहार अध्यापक नियमावली 2023 का वहिष्कार
बिहार शिक्षक: अमित कुमार ने कहा कि इस नियमावली के बहाने ही सही, मुख्यमंत्री जी की जुबान पर राज्यकर्मी नाम तो आया। इससे साबित होता है कि सरकार राज्यकर्मी का वेतन के लिए सक्षम हैं। अब हमें दबाब समूह के रूप में काम करना होगा। मोहन कान्त चौधरी ने कहा कि हमारा लक्ष्य सरकार को गिराना नहीं, सरकार से अपने अधिकार की माँग करना है। हमारे साथी बीस वर्ष की सेवा दे चुके हैं। उनकी ढलती उम्र परीक्षा की तैयारी करने की नहीं है बल्कि अब तो वे बच्चों को परीक्षा की तैयारी करबानी है। गुलाब कुमार ने कहा कि आज सरकारी विद्यालय के बच्चे मैट्रिक एवं इंटर में इतने अच्छे अंक से उत्तीर्ण होते तो एक तरफ सरकार अपनी पीठ थपथपाती है और दूसरी तरफ उन्हें शिक्षित करने बाले शिक्षकों को अयोग्य कहती है। सरकार की दोहरी नीति अब चलने बाली नहीं है।

बिहार शिक्षक: प्रधानाध्यापक सत्यनारायण आर्य ने संगठन को मजबूत करने पर बल दिया। सभी संघो को एकजुट करने हेतु सर्वसम्मति से श्री सत्यनारायण आर्य को बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा का संयोजक चुना गया। मौके पर TSUNSS प्रखंड अध्यक्ष संतोष कुमार, महासचिव प्रदीप कुमार, TSS(BMS) प्रखंड संयोजक बिबेकानंद चौधरी, SPPSS प्रखंड अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह, BPNSS प्रखंड अध्यक्ष कुँवर कन्हैया सिंह, संचिव मदन कुमार सिंह,TSSM से टुनटुन कुमार, शिक्षक लक्ष्मी पासवान, निरंजन प्रसाद, शशि कुमार, दिवाकर पासवान, गणेश राय, सुजीत कुमार, विद्या सागर सिंह, रामबाबू सहनी, लालबहादुर कुमार, कैलाश महतो, मंजू कुमारी, रेखा कुमारी, मीरा कुमारी, पूनम कुमारी, प्रदीप सिंह, मो. वायसी, पूनम, विद्याधर ठाकुर, राजेश सिंह, जितेंद्र यादव, दिलीप कुमार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विनोद कुमार एवं अमित कुमार मिश्र ने किया।

शिवाजीनगर समस्तीपुर एस न्यूज़ सुरेश कुमार सिंह

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