भारत को BGT 2024/25 में 3-1 से करारी हार, 10 साल बाद गंवाई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी
ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024/25 में भारत को 3-1 से पछाड़कर खिताब अपने नाम कर लिया। सिडनी में, पांचवें टेस्ट में, उन्होंने भारत को छह विकेट से चित्त किया। यह हार भारतीय टीम के लिए एक बड़ा झटका है। न सिर्फ सीरीज गई, बल्कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की दौड़ से भी वो पीछे रह गई। क्या यह उनके लिए एक नई चुनौती है?
टीम इंडिया का हाल बेहाल है!
पर्थ में पहली जीत के बाद, चार मुकाबलों में जंग हार गई। रोहित शर्मा और विराट कोहली का शो तो बस फ्लॉप हो गया। रोहित ने तीन टेस्ट में सिर्फ़ 31 रन बटोरे, और हर बार पैट कमिंस ने उन्हें पवेलियन की राह दिखाई। विराट की तो बात ही कुछ और है; नौ पारियों में महज 190 रन, औसत 23.75! क्या ये है हमारी उम्मीदों का इंडिया?
टीम चयन और रणनीति पर सवालिया निशान।
भारत की प्लेइंग इलेवन में लगातार बदलावों की बौछार। नए खिलाड़ियों को मौका मिला, लेकिन अनुभव की कमी ने बधाई दी।पर्थ में जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में दमदार शुरुआत हुई। फिर एडिलेड से सिडनी तक टीम का संयोजन चकरा गया।शुभमन गिल, रविचंद्रन अश्विन और रोहित शर्मा जैसे सितारों की वापसी, लेकिन प्रदर्शन? निराशाजनक!किसे बचाना है, किसे भुलाना है? सवालों का सैलाब!
जसप्रीत बुमराह का जादुई प्रदर्शन!
इस सीरीज में बुमराह ने भारतीय टीम की उम्मीदों को आसमान की ऊँचाइयों तक पहुँचाया। 32 विकेट लेकर उन्होंने ना सिर्फ प्लेयर ऑफ द सीरीज का ताज पहना, बल्कि ऑस्ट्रेलियाई धरती पर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज बन गए। उनकी घातक गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को तड़पाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन, क्या कोई और गेंदबाज उनकी मदद को आया? नहीं! वो तो अकेले ही तूफान लाए।
भारत की हार के पीछे छिपे हैं कुछ गहरे राज़।
अनुभवी बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन। रोहित और विराट ने क्या किया? फ्लॉप शो का नाटक?
टीम संयोजन में बदलाव ने माहौल बिगाड़ दिया। बार-बार खिलाड़ियों का बदलना, क्या यह सही था?
अनुभवहीन खिलाड़ियों को मौके नहीं मिले। क्या नए चेहरों को समय देना जरूरी नहीं था?
गेंदबाजी में बुमराह की छाया के अलावा कोई चमका नहीं। क्या बाकी गेंदबाजों ने खुद को साबित किया?
10 साल बाद ट्रॉफी हाथ से फिसल गई। यह हार हमें क्या सिखाएगी?
अब सवाल यह है: भारतीय टीम अपनी गलतियों से क्या सबक लेगी? क्या बदलाव का वक्त आ गया है?