इरफान खान आज के ही दिन 29 अप्रैल 2020 को इस दुनिया को अलविदा कह गए

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आपको बता दे की इरफान खान बॉलीवुड के अच्छे अविनेताओ में से एक थे जिन्होंने खुद के बल पर बॉलीवुड में ही नहीं हॉलीवुड में भी अपने काम से लोगो को फैन बना चुके थे आज वो हमलोगो के बिच में नहीं हैं लेकिन उनके डायलॉग अभी भी लोगों के जेहन में हैं उन्होंने 29 अप्रैल 2020 को इस दुनिया से अलविदा ले लिया !

चलिए जानते हैं इरफान खान का जिंदगी का सफर कैसा रहा

आपको बता दे की इरफान खान का जन्म एक पठान परिवार में 7 जनवरी 1967 को राजस्थान के टोंक जिले में खजुरिया नामक गांव में हुआ था उनके पिता याकूब खान जयपुर में टायर का कारोबार करते थे इसलिए उनका प्रारंभिक शिक्षा सैंट पॉल स्कूल गुलाबी शहर में ही हुआ उसके बाद इरफान खान ने पीजी ऊर्दू में राजस्थान कॉलेज से डिग्री किया उनका बचपन में दो शौक था पहला क्रिकेट खेलना और दूसरा वायलन बजाना और आपको बता दे की उनका बीसीसीआई के अंडर 23 में सीके नायडू ट्रॉफी में सिलेक्शन हुआ था लेकिन परिवार वालो के सपोर्ट नहीं मिलने के कारण क्रिकेट से रिश्ता टूट गया

इरफान खान का फिल्मी सफर

आपको बता दे की इरफान खान 1980 से 1981 तक राजस्थान कॉलेज में नाटक विभाग का अध्यक्ष रहें यहीं पर वो रवि चर्तुवेदी के संपर्क में आया और उनका धीरे धीरे एक्टिंग में मन लग गया उसके बाद क्या ही था उनका 1984 में स्कॉलरशिप से एनएसडी में दाखिला मिल गया एनएसडी में ही पढ़ाई के दौरान उनका मुलाकात सुतापा से हुई और धीरे धीरे दोस्ती हुई और दोस्ती कब प्यार में बदल गया पता ही नहीं चला और 23 फरवरी 1995 को शादी के बंधन में बंध गए आपको बता दे की एनएसडी के पढ़ाई पूरी करके एक्टिंग के लिए उन्होंने मुंबई चला गया उनको पहली बार 1987 में मीरा नायर की सलाम बॉम्बे में एक छोटा सा रोल मिला जिससे उनका कुछ प्रभाव तो नहीं परा लोगों पर लेकिन 1990 में आई फिल्म दृष्टि से लोगो को अपनी प्रतिभा की झलक दिखाई उसके बाद उनको टीवी सीरियल में काम मिलने लगा उनके कुछ प्रमुख सीरियल जिसमें उन्होने काम किया था , सारा जहां हमारा, चंद्रकांता, स्पार्स और उनके बाद कई फिल्मों में काम किया जैसे फूटफाथ, गुनाह,सुपारी, घात इत्यादि उनको पहली बार मकबूल फिल्म से पहचान मिली लोगों में उसके बाद तो इरफान खान दुनिया भर में एक बड़ा स्टार बन चुका था आपको बता दें कि उन्हें भारत के प्रतिष्ठित पुरस्कार में पदमश्री पुरुस्कार से नवाजा गया है और उन्होंने हॉलीवुड फिल्म स्लमडॉग मिलिनेयर एवं पाई ऑफ लाइफ जैसे फिल्में में काम करके 2012 में अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था उसके बाद इरफान खान कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा ।

इरफान खान अपने मां से बहुत प्यार करते थे

आपको बता दें इरफान खान अपने मां से बहुत प्यार करता था जब वो एक्टर बन गया तो उन्होंने अपने मां को बताया करता था कि देख तेरा बेटा बड़ा आदमी बन गया पर काम के वजह से उन्हें ज्यादा तर मुंबई में ही रहना पड़ता था जिसके वजह से वो अपने मां को समय नहीं दे पाते थे इसलिए उनकी मां कहती भी थी तुम ये सब छोड़कर आ जाओ मेरे पास फिर क्या था खुदा को भी यहीं मंजूर था 2020 में उनके मां के देहांत के चौथे दिन ही 29 अप्रैल 2020 को अपने मां के पास चले गए इस जहां को छोड़कर!

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