मौनी अमावस्या पर प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़, 10 लोगों की मौत की आशंका, कई घायल
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या की सुबह एक भयानक हादसा हुआ। द्वितीय शाही स्नान के दौरान, त्रिवेणी संगम पर भीड़ ने जैसे आग लगा दी। भगदड़ मच गई। क्या हम इस त्रासदी का सामना कर पाएंगे? लगभग 10 जिंदगियां खोने का खतरा! कई लोग घायल हुए हैं, और अनगिनत परिवार बिखर गए हैं। यह दृश्य दिल को चीरने वाला था।
घटना का मंजर कुछ यूं था।
त्रिवेणी संगम के 12 किलोमीटर लंबे घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। अचानक, रात की काली चादर और भीड़ का दबाव एक तूफान में बदल गया। भगदड़ मच गई। क्या ये संयोग था या फिर कुछ और? प्रशासन ने जैसे ही खबर सुनी, आपातकालीन सेवाएं झपट पड़ीं। घायलों को पास के अस्थायी अस्पतालों में भेजा गया। क्या हमारी सुरक्षा हमेशा इस तरह खतरे में रही?

प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी सक्रिय हैं।
मोदी जी ने घटना को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने तीन बार योगी जी से बातचीत की। राहत कार्यों की निगरानी भी खुद कर रहे हैं। इसके साथ, गृहमंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी योगी जी से मिले। उन्होंने हर संभव मदद का वादा किया। क्या मदद का ये हाथ संकट में राहत देगा?
अखाड़ा परिषद का संदेश सुनिए!
अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा, “घटनाएँ हमें रोक नहीं सकतीं। सभी संत अपने स्नान की रस्म अदा करेंगे।” श्रद्धालुओं, अफवाहों से बचें। संयम रखना ज़रूरी है!मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता से एक heartfelt अपील की है। उन्होंने कहा, “क्यों न मुख्य संगम की भीड़ से बचकर अपने नजदीकी घाटों पर स्नान करें?” अफवाहों से बचें, सावधानी बरतें। क्या यह समझदारी नहीं?
विशेष सुरक्षा इंतजाम
त्रिवेणी योग का ये अनूठा मौका, 144 साल बाद! क्या आप सोच सकते हैं, 10 करोड़ श्रद्धालुओं का सैलाब?राज्य सरकार ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। फिर भी, क्या ये व्यवस्था पर्याप्त है? सवाल तो उठते हैं!

श्रद्धालुओं से एक heartfelt अपील है। स्नान के बाद, क्या आप तुरंत क्षेत्र छोड़ सकते हैं? ताकि कोई और दिक्कत न हो। भगदड़ की जड़ में misinformation है, और प्रशासन ने सावधानी बरतने का निश्चय किया है।
महाकुंभ का ये पवित्र मेला, क्या इसकी छवि पर ये दुखद घटना धब्बा नहीं लगा गई? पूरे देश को इसने झकझोर दिया। प्रशासन और सरकार राहत में जुटी हैं। क्या आगे ऐसे हादसे टालने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाएंगे?
इस दिल दहला देने वाली घटना पर पूरा देश ग़मगीन है। हम सब मिलकर घायल श्रद्धालुओं की जल्द से जल्द स्वस्थ होने की दुआ कर रहे हैं। क्या उनके दर्द को हम समझ सकते हैं?