“मकर संक्रांति: आज सूरज देवता की पूजा का महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है।
आज मकर संक्रांति का महापर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। क्या आपने सूरज को धनु से मकर में प्रवेश करते देखा? यह उत्तरायण की नई शुरुआत है! किसानों के लिए यह फसल कटाई का उल्लास है। खुशी का जश्न, मेहनत का फल।
शिवाजीनगर में विशेष उत्सव
शिवाजीनगर में भी मकर संक्रांति का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। यहां पतंगबाजी का खास आयोजन किया गया, जिसमें बच्चे, युवा और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बाजारों में तिल-गुड़, पतंग और मांझे की रौनक देखते ही बनती है। लोग एक-दूसरे को तिल-गुड़ देकर कहते हैं, “तिल गुड़ घ्या, गोड़ गोड़ बोला” (तिल-गुड़ खाएं और मीठा बोलें)।

पर्व के विशेष महत्व
मकर संक्रांति पर गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत खास है। क्या आपने कभी सोचा है, इस दिन की पवित्रता में कितना बल है? कहा जाता है कि इस दिन स्नान और दान से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की वर्षा होती है। क्या आप इसे अपनी जिंदगी में लाना चाहेंगे?
त्योहार की रंगत
महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर भारत में पतंगबाजी का जादुई महोत्सव मनाया जाता है। लोग तिल-गुड़ के लड्डू और खिचड़ी का स्वाद लेते हैं। बंगाल में गंगासागर मेला सजता है, जो श्रद्धालुओं का सागर लाता है।
विशेष दान और पूजा
मकर संक्रांति पर, जरूरतमंदों को तिल, गुड़, अन्न, कपड़े और धन देना एक खूबसूरत परंपरा है। क्या आपको पता है? इस दिन का दान, पुण्य की बारिश लाता है! इस खास मौके पर, मकर संक्रांति की ढेर सारी शुभकामनाएँ! क्या यह पर्व आपके जीवन में नई ऊर्जा और खुशियों की बारिश लाएगा? बनो खुशियों के सागर में डूबे!
शुभकामनाओं का आदान-प्रदान
स्थानीय निवासी और सामुदायिक संगठनों ने इस अवसर पर एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं। शिवाजीनगर के समाजसेवी संगठनों ने जरूरतमंदों को तिल, गुड़, अन्न और कपड़े दान किए। वहीं, मंदिरों में भजन-कीर्तन और सूर्य उपासना के विशेष आयोजन हुए।